उसके बूड़े कदमो को, राह में तूने छोर दिया,
उसके आँखों के आंसू से, युही मुहँ फेर लिया |
उसके संघर्षो को तूने, ठुकराकर बर्बाद किया, |
उस ममता की छाया से तूने, युही नाता तोड़ दिया |
तेरे सिसकी भर ले लेने से,
जिसका दिल था काँप उठता ,
तेरे आँखों के आंसू को, जिसने अमृत सा था पान किया,
तेरे पालन पोषण पर जिसने,
अपना सर्वस्व डाल दिया,
तेरे ख्वाइशो का जिसने सर्व प्रथम ध्यान किया |
तेरे कामयाबी पर जिसने,
गर्व किया, मान किया,
उस ममता की छाया से तूने, युही नाता तोड़ दिया
हर दुआ में जिसके ,
रहता था तू भरा,
हर घड़ी जिसने था तेरा ही ध्यान करा,
हर पल अपने जीवन का जिसने,
तुझे सवारते बीता दिया ,
उस ममता की छाया से तूने, युही नाता तोड़ दिया |
आज तुझे याद आती है,
उसके ममता का आँचल,
आज तेरे आंसू की हर एक,
बूँद पुकारती उसे अचल,
आज तेरे मन की व्यथा,
चाहती है उसे बगल,
जब तेरे भी अंश ने तुझको,
उसी राह पर डाल दिया,
याद कर मुर्ख जब तूने था,
उस ममता की छाया से नाता तोड़ दिया |
By Sneha Pandey
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