सच्चाई की सूरत है मेरी माँ
ममता की मूरत है मेरी माँ
अल्फाजों की कमी हो जाती है ये बयान करने में
कि कितनी खूबसूरत है मेरी माँ
ममता की मूरत है मेरी माँ
अल्फाजों की कमी हो जाती है ये बयान करने में
कि कितनी खूबसूरत है मेरी माँ
जब मैं हँसता हूँ तो
उसे जिन्दगी की सारी खुशियाँ मिल जाती हैं
जब मैं रोता हूँ तो
उसकी जिन्दगी कुछ थम सी जाती है
उसे जिन्दगी की सारी खुशियाँ मिल जाती हैं
जब मैं रोता हूँ तो
उसकी जिन्दगी कुछ थम सी जाती है
जब उसका सब्र टूटता है
तो खुदा भी उसके सामने बेबस नजर आता है
ना जाने कहाँ से ये हुनर उसे मिला है
कि दुनिया चलाने वाला भी उसके सजदे मे सर झुकाता है ।
तो खुदा भी उसके सामने बेबस नजर आता है
ना जाने कहाँ से ये हुनर उसे मिला है
कि दुनिया चलाने वाला भी उसके सजदे मे सर झुकाता है ।
By Nitin Kumar
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