Wednesday 17 May 2017

सच्चाई की सूरत






सच्चाई की सूरत है मेरी माँ
ममता की मूरत है मेरी माँ
अल्फाजों की कमी हो जाती है ये बयान करने में
कि कितनी खूबसूरत है मेरी माँ
जब मैं हँसता हूँ तो
उसे जिन्दगी की सारी खुशियाँ मिल जाती हैं
जब मैं रोता हूँ तो
उसकी जिन्दगी कुछ थम सी जाती है
जब उसका सब्र टूटता है
तो खुदा भी उसके सामने बेबस नजर आता है
ना जाने कहाँ से ये हुनर उसे मिला है
कि दुनिया चलाने वाला भी उसके सजदे मे सर झुकाता है ।


By Nitin Kumar


No comments: